बैंगलुरु यूनिवर्सिटी की पोस्ट ग्रेजुएट की छात्रा नूरजहां ने पैसे की तंगी से परेशान हुए बगैर छह गोल्ड मेडल जीते हैं। उसके पिता मीट की दुकान पर सिर्फ छह हजार की पगार पर काम करते हैं, लेकिन नूरजहां ने ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई के लिए खर्चे जुटाए, बाद में उसे स्कॉलरशिप मिलने लगी।