दक्षिण भारत में नौवीं सदी से खेला जा रहा कल्लरी−पयट्ट पिछले कुछ सालों से खत्म होने की कगार पर पहुंच गया, लेकिन इस खेल की राष्ट्रीय चैंपियनशिप ने एक बार फिर इसमें नई जान फूंक दी है।
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