अरबपति कारोबारी दीपक भारद्वाज शुरुआती दौर में दिल्ली सरकार के सेल्स टैक्स विभाग में 700 रुपये वेतन पाने वाले स्टेनोग्राफर थे, लेकिन 100 रुपये की रिश्वत के आरोप में नौकरी चली गई। इसके बाद उन्होंने जमीन के छोटे-मोटे सौदे कराने शुरू किए और देखते ही देखते उन्होंने दिल्ली के रियल एस्टेट बाजार में पैर जमा लिए।