मेरठ के एक अस्पताल में एक पोस्टमार्टम बिल्कुल खुले में किया गया। यह काम किसी डॉक्टर ने नहीं, बल्कि चौथे दर्जे के कर्मचारी ने किया और उसी के नतीजों पर रिपोर्ट तैयार कर दी गई।
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