कश्मीर में जब पंचायती राज के चुनाव हुए, तो यह एक मायने में भारत की जम्हूरियत की जीत थी, लेकिन आज वहां पंचायती राज खतरे में है। उसे एक तरफ राज्य की उदासीनता झेलनी पड़ रही है, दूसरी तरफ आतंकियों की धमकी। नतीजा यह हुआ कि 400 से ज्यादा पंच इस्तीफा दे चुके हैं।