मौला मेरे मौला : अक्षर से आवाज तक का सफर

बगावत में भी संगीत बसता है। बागी से अच्छा संगीतकार कौन हो सकता है...? जिस बगावत में संगीत नहीं, उसमें मुक्ति की धुन नहीं... मुक्ति का संगीत है सूफी गायन... एक जायजा सूफी गायक मदन गोपाल सिंह के साथ।