Varchasva EP 7: चुनाव आयोग Vs राजनीतिक दल, क्या है हंगामे की असली कहानी? | Opposition Protest

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  • प्रकाशित: अगस्त 22, 2025

28 अगस्त 1993 उस दिन मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन ने एक ऑर्डर जारी किया, जिसमें लिखा था कि वोटर आईडी कार्ड नहीं बना तो चुनाव नहीं होंगे। ये एक धमाका था। ये चुनाव आयोग के अपने वर्चस्व का प्रदर्शन था। इसके लिए चुनाव आयोग ने 1 जनवरी 1995 की समय सीमा भी तय कर दी। इससे राजनीतिक दलों में हड़कंप मच गया। पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने चुनाव आयोग के इस आदेश के खिलाफ अदालत जाने की धमकी दी। लेकिन सेशन अड़ गए। 

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