Uttarkashi Cloudburst: कल उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने के बाद आज चारों तरफ तबाही ही तबाही नजर आ रही है. सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और बाकी टीमें बिना रुके, बिना थके जी-जान से रेस्क्यू मिशन में लगी है...उम्मीद यही है किसी तरह कोई जिंदगी मिल जाए..लोग मिल जाएं तो उन्हें बाहर निकाला जा सके...लेकिन दिक्कत की बात ये है कि पीछे से सपोर्ट सिस्टम पहुंच नहीं पा रहा ...आपको बता दूं कि मेरे सहयोगी किशोर रावत, अंकित त्यागी, रवीश रंजन शुक्ला और मीनाक्षी कंडवाल..कल शाम 6 बजे से ही धराली के लिए निकले हुए हैं....24 घंटे से ज्यादा का वक्त हो गया..लेकिन अभी तक ग्राउंड जीरो पर नहीं पहुंच पाए..ऐसा इसलिए क्योंकि जगह जगह लैंडस्लाइड है..भटवारी के बाद से तो पूरी तरह कनेक्टिविटी खत्म हो चुकी है..और यहां से आगे का सफर करीब चार पांच घंटे का है...यानी ना कार जा सकती है..ना ही कोई साधन..इसीलिए हमारी टीम पैदल चलकर ग्राउंड जीरो पर पहुंचने की कोशिश में है....कई जगह हमारी टीम के सामने लैंडस्लाइड हुई..आंखों के सामने से रास्ता गायब हो गया..लेकिन हमारी कोशिश है कि हम वहां पहुंचे..और ग्राउंड रिपोर्ट शेयर आप तक पहुंचा सके...