जिस मुल्क में एक चपरासी को नौकरी से निकालने के पहले उसे उसका गुनाह बताना पड़ता है, फिर उसका जवाब सुनना पड़ता है और बर्खास्तगी के बाद उसके पास अदालत जाने का रास्ता होता है. वहीं एक मुसलमान अपने चपरासी से भी बीवी को तलाक का पेगाम दे के तलाक दे सकता है. ईमेल, एसएमएस और फोन से तो दे ही रहे हैं, दीवार पर तलाक लिख कर भी तलाक दे सकते हैं. ये इस मुल्क की 9 करोड़ मुस्लिम महिलाओं की समस्या है. जिस मुल्क में मैगी दो मिनट में बनती है वहां तलाक देने में सेकेंड लगते हैं.