'बनेगा स्वस्थ इंडिया' के नौ साल के सफर के बारे में बात करते हुए, SOA, रेकिट के निदेशक, विदेश मामले और भागीदारी, रवि भटनागर ने कहा कि इस स्वास्थ्य आंदोलन की सफलता हाइजीन प्रैक्टिस में बदलाव दिखाती हैं. भटनागर ने कहा, पॉजिटिव बिहेव चेंज कैंपेन की प्रभावशीलता का एक प्रमुख संकेतक है. स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए समानता और समावेशी दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, भारत की जनजातीय आबादी को हाइजीन और हेल्थ केयर के लिए समर्थन की जरूरत है और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच महत्वपूर्ण है. अन्य पहलों के बारे में बात करते हुए, उन्होंने क्लाइमेट रिज़िल्यन्स स्कूलों के निर्माण पर प्रकाश डाला, जो स्वच्छता से परे एक स्वास्थ्य की दिशा में काम करता है - जहां ग्रह और पारिस्थितिकी तंत्र का स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि व्यक्तिगत स्वास्थ्य.