सेक्युलरिज्म पर चर्चा करते हुए जावेद अख्तर ने कहा कि सेक्युलरिज्म का मतलब, हर धर्म की इज्जत करना होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. जिसका खामियाजा सेक्युलर पार्टियां भुगत भी रही हैं. जावेद अख्तर ने कहा कि तथाकथित सेक्युलरवादी पार्टियों ने इसकी चिंता करने की बजाय इसका बेजा इस्तेमाल किया. शाही इमाम के किस्से का जिक्र करते हुए जावेद अख्तर ने बताया कि शाही इमाम, इमरजेंसी के बाद वो पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के साथ दिल्ली आए थे, इससे पहले उनका नाम नहीं सुना था लेकिन उनके आते ही दूसरी पार्टियों ने भी इस मुद्दे को लपक लिया. सेक्युलर पार्टियों ने यही गलत किया.