भारत में करीब 10 करोड़ आदिवासी हैं, लेकिन इनमें से 30 फीसदी से भी कम पढ़े-लिखे हैं। भुवनेश्वर का कलिंग इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज आदिवासी बच्चों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा बोर्डिंग स्कूल है। यहां करीब 25 हजार आदिवासी बच्चों को मुफ्त शिक्षा, खाना-पीना, सेहत की सुविधाएं और वोकेशनल ट्रेनिंग मुहैया कराई जाती है।