कांग्रेस की मैनिफ़ेस्टो कमेटी के सदस्य रहे सैम पित्रोदा ने कहा, 'मैनिफ़ेस्टो के लिए एक-एक चीज़ पर सैकड़ों घंटे बात हुई. मैनिफ़ेस्टो में जनता की राय ली गई, 'ये मैनिफ़ेस्टो बस विश लिस्ट नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि गरीबों के लिए हर साल 72 हजार रुपये कहां से आएंगे तो उनका कहना था कि न्यूनतम आय का फ़ैसला व्यवहारिक है. ग्लोबल इकोनॉमिस्ट ने न्याय पर पर सोचा है. ग़रीबों के लिए दिल से सोचना पड़ता है, बैलेंस शीट देखकर नहीं.'