सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा है कि क्या हमारे देश में कानून का शासन राज्यपाल को संवैधानिक सिद्धांतों और अरुणाचल विधानसभा के कामकाज के नियमों को हवा में उड़ाने की इजाज़त देता है। 331 पन्नों के इस फैसले की हर लाइन पढ़ने लायक है। वैसे उत्तराखंड मामले में भी राज्यपाल की भूमिका पर कम टिप्पणी नहीं हुई थी मगर राज्यपाल का कुछ नहीं हुआ।