ढाई साल पहले अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान के कब्ज़े के बाद वहां अल्पसंख्यक समुदाय के लोग या तो देश छोड़कर जाने लगे या उनकी वहां दुर्दशा होती देखी गई. दुनिया के बस कुछ गिने चुने देशों ने ही अभी तक तालिबान सरकार को मान्यता दी है. भारत ने अभी तक तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है लेकिन तालिबान के साथ बातचीत के चैनल भारत ने बंद नहीं किए हैं और भारत लगातार अफ़ग़ानिस्तान को मानवीय सहायता भी पहुंचा रहा है. शायद इस सबका भी असर है कि तालिबान का रुख़ कुछ बदल रहा है. एक ख़ास पहल में तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में वहां के अल्पसंख्यकों को उनकी संपत्ति वापस कर रहा है. वहां के विधि मंत्रालय ने एक कमीशन बनाकर हिंदू और सिख अफ़ग़ानियों को उनकी संपत्ति लौटाने की कार्यवाही शुरू कर दी है.