उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज मिथल ने बृहस्पतिवार को कहा कि आरक्षण नीति पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है और अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) तथा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों के उत्थान के लिए नए तरीकों की जरूरत है. कोटा देने के लिए अनुसूचित जातियों को उप-वर्गीकृत करने के राज्यों के अधिकार पर उच्चतम न्यायालय के सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ के बहुमत के फैसले से सहमति जताते हुए न्यायमूर्ति मिथल ने कहा कि आरक्षण नीति की सफलता या विफलता के बावजूद, एक बात तो तय है कि इसने सभी स्तरों पर न्यायपालिका, विशेषकर उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय पर भारी मुकदमेबाजी का बोझ डाला है