झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के कथित सहयोगी प्रेम प्रकाश को कथित जालसाजी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत (Prem Prakesh Bail) मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए PMLA पर बड़ी (Supreme Court On PMLA) टिप्पणी की. अदालत ने PMLA की व्याख्या करते हुए कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद, ये नियम PMLA में भी लागू होगा. संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार का हिस्सा है. अदालत ने कहा कि केवल कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करके ही किसी को आजादी से वंचित किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि PMLA के तहत हिरासत के दौरान कोई आरोपी जांच अधिकारी के सामने अगर अपराध स्वीकार का बयान देता है तो उसे अदालत में सबूत नहीं माना जाएगा.