दिल्ली के छावला रेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों आरोपियों को बरी करने का फैसला सुना दिया था. तर्क दिया गया था कि कोर्ट के समक्ष पर्याप्त सबूत पेश नहीं किए गए, पुलिस की जांच में भी कई तरह की खामी रही. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं.