देश में अब 1 अप्रैल से BS-3 गाड़ियों की बिक्री नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने ये अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि कंपनियों के निजि हित के लिए लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में नहीं डाल सकते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भले ही इन गाड़ियों की संख्या कम हो लेकिन सवाल लोगों के स्वास्थ्य का है. जीवन जीने का अधिकार कंपनियों के मुनाफा कमाने से ज्यादा जरूरी है. व्यावयायिक हितों के लिए लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में नहीं डाल सकते. वहीं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल आंकड़ों के मुताबिक इस वक्त करीब 8.24 हजार BS-3 गाड़ियां स्टॉक में हैं जिनमें ज्यादातर दोपहिया वाहन हैं. कंपनियों का कहना है कि ये हजारों करोड़ का नुकसान है.