Social Media इस तरह के न जाने कितने हादसे हुए हैं। कैसा है ये पागलपन जो आपके ,सोचने समझने , खतरे को भांपने की ताकत को खत्म कर रहा है .. जान से ज्यादा जरूरी है सोशल मीडिया पर अपनी हाजिरी लगाना दुनिया को दिखाना कि आप कहां है, क्या कर रहे हैं, आपकी जींदगी कितनी शानदार है .. और ये एक लत बन गई है , एक ऐसी आदत जिससे पीछा छुड़ाना मुश्किल हो रहा है।