बचपन में मां को बेकिंग करते देखती रहीं स्नेहा भी छोटी उम्र से ही बेकिंग का शौक पाल बैठी थीं. उनका इरादा हमेशा यही रहता है, ज़्यादा चीनी डाले बिना भी स्वाद वैसा ही रहे, जैसा होना चाहिए. वह यह भी जानती हैं, स्वाद के मामले में सभी को संतुष्ट नहीं किया जा सकता, सो, वह ज़्यादा बड़े ख्वाब नहीं देखतीं, लेकिन जो भी करती हैं, अच्छी तरह करती हैं.