विपक्षी दलों के साथ ही अब बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने भी यूरोपीय संघ के सांसदों के कश्मीर दौरे को लेकर सवाल उठाए हैं. शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि कश्मीर देश का आंतरिक मामला, अंतरराष्ट्रीय नहीं. सबकुछ ठीक है तो यूरोपीय दल को लाने का क्या मक़सद? संपादकीय में लिखा है, 'इस दौरे से अब विरोधियों को बेकार शक का मुद्दा मिलेगा. नेहरू कश्मीर मसले को यूएन ले गए, ये आज भी बहस का मुद्दा. कश्मीर मसले पर यूएन का दख़ल आपको मंज़ूर नहीं है. फिर यूरोपीय समुदाय की फ़ौजदारी की आवश्यकता कैसे मंज़ूर? ये देश की सार्वभौमिकता और आज़ादी पर हमला नहीं है क्या?' साथ ही लिखा है, 'कश्मीर में आज भी नेताओं के प्रवेश पर पाबंदी. फिर गृह मंत्री बताएं कि यूरोपीय दल यहां क्या करने वाला है?'