असम की एक कंपनी है हिन्दुस्तान पेपर कारपोरेशन. इसके कर्मचारियों ने सीएजी को लिखा है कि कई हज़ार करोड़ का घोटाला हुआ है, इसकी जांच की जाए. हिन्दुस्तान पेपर कारपोरेशन की दो मिले हैं जो अक्तूबर 2015 और 17 के बीच बंद रहीं. कर्मचारियों का दावा है कि सैलरी और मुआवज़ा न मिलने के कारण 57 लोगों की मौत हुई और कुछ ने आत्महत्या कर ली. 30 महीने से इसके कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है. कर्मचारी कई बार पत्र लिख चुके हैं प्रधानमंत्री को और मंत्रियों को. प्रदर्शन भी कर चुके हैं. सारा मामला फिर से उभरा है क्योंकि 9 जुलाई 2019 को भारी उद्योग मंत्री अरविंद गणपत सांवत ने लोकसभा में लिखित जवाब दिया है. सवाल कांग्रेस के मनीष तिवारी ने किया था. जवाब में मंत्री ने कहा कि हिन्दुस्तान पेपर कारपोरेशन लिमिटेड को चार साल के अंदर कुल 4141 करोड़ दिए हैं. 2014-15 में 1141 करोड़, 2015-16-1000 करोड़, 2016-17 में 1000 करोड़, 2017-18 में 1000 करोड़.
हिन्दुस्तान पेपर मिल की कई मिलें हैं. मंत्री ने यह नहीं कहा कि असम की दो मिलों को 4141 करोड़ दिया गया है. सिर्फ यह कहा है कि हिन्दुस्तान पेपर मिल को 4141 करोड़ दिया गया है. कर्मचारी पूछ रहे हैं कि इतना पैसा दिया गया तो उनके वेतन का बकाया पैसा क्यों नहीं मिला.