पिछले 20 साल से जबसे अमेरिकी सेना और अमेरिकी सेना के साथ एक व्यवस्था थी तो ऐसा माना जा रहा था कि धीरे-धीरे अफगानिस्तान को दोबारा से बनाया जा रहा है, तालिबान के चंगुल से निकाला जा रहा है. एक देश का निर्माण किया जा रहा. महिलाओं को अधिकार दिया जा रहा है. 20 साल लगे इस प्रयास में और वो कार्रवाई अभी भी चली आ रही थी. लेकिन जैसे ही ये घोषणा हुई की अब अमेरिकी सैनिक वहां नहीं रहेंगे और ये माना जाने लगा था कि अब इतना मजबूत बना दिया है अफगानिस्तान को कि वो अपने आप लड़ लेंगे.