भारत में दिव्यांग खिलाड़ियों की तरफ़ हर कोई सहानुभूति रखता है, लेकिन उनके लिए कोई ठोस नीति बनाने को कोई सामने नहीं आता. तमाम अनदेखी के बावजूद ये खिलाड़ी सिर्फ़ अपने हौसले के दम पर आगे बढ रहे हैं. अफ़गानिस्तान के कुछ खिलाड़ी तो ऐसे हैं जो बम धमाकों का शिकार हुए पर हिम्मत नहीं हारी है.