रूस के हमलों के बीच यूक्रेन के बीस लाख लोग देश छोड़ चुके हैं और हजारों जानें जा चुकी हैं. लेकिन इस सबके बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति ने आखिरकार कहा है कि वह अब नाटो की सदस्यता पर जोर नहीं देंगे. तो ऐसे में सवाल है कि जेलेंस्की के इस कदम के बाद क्या रूस का रूख यूक्रेन को लेकर बदल सकता है? बता रहे हैं हमारे सहयोगी उमाशंकर सिंह.