त्योहारों का मौसम चल रहा है. दशहरा बीता है, दीवाली नज़दीक है लेकिन बावजूद इसके बाज़ारों की रौनक नहीं लौटी है. ये त्योहारों का मौसम है. लेकिन समारोह का मूड गायब दिख रहा है. राजेश चड्डा मुंबई के दादर इलाक़े में जाइल गार्मेंट्स चलाते हैं. 24 साल से ये पारिवारिक दुकान चल रही है, लेकिन चड्डा बताते हैं कि इस साल धंधा मंदा है और दिवाली तक भी बाजार के सुधरने के आसार नहीं दिखते. पिछले साल के मुक़ाबले बिजनेस 40-50% कम है और मूल वजह आर्थिक मंदी है. हम छोटे दुकानदार इसकी क़ीमत चुका रहे हैं.