भारत में चली आ रही बेरोजगारी की दर तालाबंदी के कारण और अधिक बढ़ गयी है. सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी के महेश व्यास ने कहा है कि उन्हें लगता था कि तालाबंदी के कारण मार्च महीने में बेरोजगारी की दर 23 प्रतिशत से अधिक हुई है. लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि जनवरी 2020 से ही इसमें गिरावट शुरु हो गयी थी. मार्च महीने में इसका ग्राफ चरम पर पहुंच गया. लोग मार्केट में काम मांगने कम जाने लगे. यानी काम ही नहीं था तो काम मांगने जाने से क्या फायदा. इसे लेबर फोर्स पार्टीसिपेशन रेट LPR कहते हैं. पहली बार LPR 42 प्रतिशत से नीचे आ गयी है. महेश व्यास का कहना है कि लेबर फोर्स में 90 लाख की कमी आ गयी है. जनवरी 2020 में लेबर फोर्स 44 करोड़ 30 लाख थी जो मार्च 2020 में 43 करोड़ 40 लाख हो गयी है. जनवरी और मार्च के बीच रोजगारों की संख्या 41 करोड़ 10 लाख से घटकर 39 करोड़ 60 लाख हो गयी है. बेरोजगारों की संख्या 3 करोड़ 20 लाख से बढ़कर 3 करोड़ 80 लाख हो गयी है. 23 प्रतिशत से अधिक की बेरोजगारी दर बहुत ज्यादा है. अमेरिका में मार्च के महीने में फरवरी के 3 प्रतिशत की तुलना में 17 प्रतिशत हो गयी लेकिन भारत में 23 प्रतिशत हो गयी.