बहुत दिन नहीं हुए जब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को तोता कहा था. ये सच है कि सरकारें अपनी-अपनी ज़रूरत के हिसाब से एजेंसियों का इस्तेमाल करती रही हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों से जांच एजेंसियों का इस्तेमाल जिस तरह राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निबटाने के लिए हो रहा है, वह डरावना है. पिछले तीन दिन से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के यहां छापे पड़ रहे हैं. ये अब तक साफ़ नहीं है कि इन छापों में कितनी रकम बरामद हुई या किन-किन को कितने पैसे गए. लेकिन इनका चुनावी इस्तेमाल शुरू हो गया है. कोई और नहीं, सीधे प्रधानमंत्री बता रहे हैं कि रुपये के बक्से के बक्से निकले हैं- वो भी चुनावी सभा में.