उत्तर प्रदेश में भोजपुरी को तो काफी पहचान मिली लेकिन अवधी भाषा की बहुत सालों से उपेक्षा हो रही है. राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर रविशंकर सिंह से हमारे संवाददाता रवीश रंजन शुक्ला ने अवधी में बात की. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में भारतीय भाषाओं का सेंटर खोला गया है. इस साल से एडमिशन भी शुरू हो चुका है.