18 फरवरी को किसानों के ‘रेल रोको’ का असर मोदीनगर में भी देखने को मिला. कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान यहां रेल पटरियों पर लेटे हुए नजर आए. शुरुआत में यहां किसानों की पुलिस के बीच टकराहट की आशंका देखने को मिली थी. लेकिन किसानों के वरिष्ठ नेता ने समय रहते हुए हालात पर काबू पा लिया. उनका कहना है कि किसी भी परिस्थिति में हिंसा को स्थान नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ये जो पुलिस के जवान हैं वो भी हमारे बच्चे हैं, और जो रेल यात्री हैं वो भी हमारे ही लोग हैं. इस बीच किसानों ने रेल यात्रियों को किसी तरह की कोई असुविधा न हो इसके लिए खाने-पीने का भरपूर इंतजाम किया है.