लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कई राज्यों में कांग्रेस के अंदर बगावत के सुर फूट रहे हैं. अभी तक कई विधायकों और नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया है. हालात यह हैं कि मुख्यमंत्रियों और प्रदेश अध्यक्षों के बीच भी पटरी नहीं खा रही है. राजस्थान में जहां सीएम अशोक गहलोत ने अपने बेटे वैभव गहलोत के सिर पर हार का ठीकरा फोड़ा है तो मध्य प्रदेश में गुना सीट से हार का स्वाद चख चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री ठीक से प्रदर्शन नहीं कर पाए. उनका निशाना जाहिर तौर पर सीएम कमलनाथ की ओर था जो अपने बेटे नकुलनाथ को छिंदवाड़ा से जिताने में लगे रहे. दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में भी सालों से मुख्यमंत्री पद का सपना देख रहे कई वरिष्ठ नेता पार्टी के प्रदर्शन पर चुप्पी साधे हुए हैं. बात करें महाराष्ट्र की तो यहां पर पार्टी के वरिष्ठ नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व से नाराज होकर विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि अपने बेटे तक के लिए भी प्रचार नहीं किया है. उन्हें पार्टी आलाकमान से कोई शिकायत नहीं है, जिसने मुझे विपक्ष का नेता बनने का मौका दिया है. पाटिल ने कहा, 'मैंने अछ्छा काम करने की कोशिश की है. लेकिन हालात ने मुझे इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया है'. इसके बाद वीखे ने महाराष्ट्र के सीएम से भी मुलाकात की है.