दिल्ली पुलिस शुक्रवार को बहुत तैयारी के साथ आई. चार दिन की अपनी जांच का हिसाब-किताब लेकर आई. कई बदमाशों की शिनाख्त करने के दावे के साथ आई. सबकी तस्वीरें लाई. लेकिन जब जांच आधी-अधूरी रहती है तो कैसी गड़बड़ियां होती हैं- ये फौरन पकड़ में आ गया. जिस विकास पटेल की फोटो मीडिया कई दिन से दिखा रहा था, उसकी जगह पुलिस ने शिवपूजन मंडल की तस्वीर दिखा दी. बाद में गलती समझ में आई तो दूसरी तस्वीर भेजी. लेकिन सवाल है जिस शिवपूजन मंडल की तस्वीर भेजी थी, उसके हाथ में भी तो लाठी है फिर वह उपद्रवियों की लिस्ट में क्यों नहीं है? वैसे इस पूरी जांच पर सवाल कई और उठ रहे हैं.