दिल्ली की चुनावी राजनीति में 10 साल पहले तक पंजाबी, जाट, गुर्जर और वैश्य समाज के लोग किंगमेकर हुआ करते थे लेकिन बीते 10 सालों में दिल्ली की सियासत में पूर्वांचल और उत्तराखंड के लोगों का उभार हुआ है. पूर्वांचल और उत्तराखंड के लोग किंगमेकर की भूमिका में हैं. दिल्ली के डेढ़ करोड़ मतदाताओं में लगभग 40 लाख पूर्वांचल और उत्तराखंड से हैं.