पुणे में नये साल पर हुई हिंसा के बाद तनाव पसरा हुआ है. इस हिंसा की लपटें अब महाराष्ट्र के दूसरे शहरों को भी झुलसाने लगी हैं. भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर 1 जनवरी को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दो गुटों में हुए टकराव में एक शख्स की मौत हो गई. भीमा-कोरेगांव की लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवाओं को हराया था. ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में दलित थे. अंग्रेज़ों की इस जीत पर दलित जश्न मनाते हैं. एक गुट ने इसी जश्न का विरोध किया, जिसके बाद हिंसा भड़की.