प्रकाशित: अगस्त 29, 2018 07:00 PM IST | अवधि: 2:09
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भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच के नाम पर कल पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी को लेकर तीखी प्रतिक्रिया हुई. सामाजिक आंदोलनों से जुड़े लोग मानते हैं कि सरकार असहमत लोगों को डराने और उनकी आवाज़ दबाने की कोशिश कर रही है.