कांग्रेस ने आखिरकार ब्रह्मास्त्र चल दिया. प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में उतर आई हैं. उनके भाई राहुल ने उन्हें कांग्रेस का महासचिव बना कर पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दे दी है. इस इलाके की नुमाइंदगी पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करते हैं. यानी प्रियंका की अगुवाई में कांग्रेस इस इलाके में सीधे मोदी-योगी की जोड़ी से दो-दो हाथ करेगी. खबर है कि प्रियंका रायबरेली से चुनाव भी लड़ सकती हैं क्योंकि उनकी मां सोनिया गांधी अब राजनीति में सक्रिय नहीं रहना चाहतीं. तो सवाल है कि क्या प्रियंका को आगे कर कांग्रेस ने मान लिया है कि उसे दोबारा पैरों पर खड़ा करना अकेले राहुल के बस का नहीं? बीजेपी इसे राहुल की हार बता रही है. क्या प्रियंका के राजनीति में आने से मोदी की वापसी की राह रोकी जा सकेगी?