उत्तराखंड में हाईकोर्ट की सिंगल और फिर डबल बेंच ने फैसला दिया है कि आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज में फीस वृद्धी की फैसला वापस होगा. अचानक से 80,000 साल की जगह फीस 2 लाख 15 हज़ार कर दी गई. छात्र दिसंबर 2016 से कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं. इस 9 अक्टूबर को फैसला आया कि फीस वृद्धि सही नहीं है. बढ़ी हुई फीस वापस लें लेकिन अभी तक फैसले पर अमल नहीं हुआ है. 43 दिनों से ये छात्र देहरादून में धरना दे रहे हैं. ये इतने अमीर नहीं हैं कि सवा दो लाख फीस दे दें. इसलिए आप फीस वृद्धि के सवाल पर मज़ाक न उड़ाए क्योंकि जे एन यू के छात्र विरोध कर रहे हैं, फीस वृद्धि का विरोध आई आई टी मुंबई, बीएचयू के छात्र भी कर रहे है और उत्तराखंड क छात्र भी फीस वृद्धि का विरोध कर रहे हैं. इसका मतलब है कि जब अर्थव्यवस्था डाउन हो तो लोगों पर असर पड़ रहा होगा. फीस चुभ रही होगी इसलिए मज़ाक न उड़ाएं.