क्या कभी आपने देखा है कि राजनीतिक दल के कार्यकर्ता किसी नीति, घटना और घोटाले के वक्त अपने ही दल के खिलाफ नारे लगा रहे हों कि उनके लिए दल नहीं, देश महत्वपूर्ण है। ऐसा होता तो बीजेपी से पहले कांग्रेस के कार्यकर्ता 2जी घोटाले के खिलाफ़ सड़कों पर आ गए होते। ऐसा होता तो बीजेपी के कार्यकर्ता-नेता व्यापम घोटाले पर पार्टी से इस्तीफा दे देते। देश जब 200 रुपये किलो दाल खा रहा था, तो अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते।