क्या बीजेपी नेता चिन्मयानंद के मामले में लोग चुप हैं? समाज में वैसी बेचैनी क्यों नहीं है जैसी निर्भया मामले के वक्त थी. क्या बलात्कार के मामले में सक्रियता इस बात से निर्भर होने लगी है कि आरोपी का मज़हब क्या है? जैसे ट्रोल करने वाले कौशाम्बी में बलात्कार की घटना को लेकर अनाप शनाप लिख रहे हैं, इस केस में आरोपी का मज़हब कुछ और है. मगर उनमें से कोई नहीं पूछ रहा है कि चिन्मयानंद को क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया है. बीजेपी के पूर्व सांसद और पूर्व गृह राज्य मंत्री चिन्मयानंद के मामले की स्टोरी मीडिया के लिए बड़ी ख़बर नहीं है.