प्राइम टाइम: महामारी के बोझ तले, चरमरा सी गई है स्वास्थ्य व्यवस्था
प्रकाशित: अप्रैल 30, 2021 09:00 PM IST | अवधि: 26:40
Share
हर तरफ कोरोना से जुड़ी खबरें देखकर आपको दुख, परेशानी, तनाव सा महसूस हो रहा हो, लेकिन अगर आज आप अपने घर में हैं स्वस्थ्य हैं तो इससे बड़ी कोई चीज नहीं है. क्योंकि हजारों हजार लोग ऐसे हैं, जिनके अपने अस्पतालों में, घरों में एंबुलेंस में सड़कों पर एक-एक सांस के लिए और एक-एक दवा के लिए संघर्ष कर रहे हैं. बेड, ऑक्सीजन, दवाई हर चीज की कमी है. पूरे सोलह साल बाद दूसरे देशों से हम मदद ले रहे हैं. लेकिन एक-एक जन तक ये मदद अभी पहुंची नहीं है. सरकारें कहती हैं कि सबकुछ है, कोई कमी नहीं है लेकिन जब हमारे रिपोटर्स सड़कों पर इस दावे की सच्चाई और कईयों की मांगी पॉजिटिव खबरों के लिए निकलते हैं तो उनका सामना न नापी जाने वाली तकलीफों से होता है. घरों से लेकर श्मशान तक एक ऐसी तकलीफ जो हम सबको छू रही है. कई पत्रकार भी कोरोना की भेंट चढ़ चुके हैं..