जिसे शोक न हो वो अशोक है लेकिन जिस तरह से अशोक को लेकर राजनीति हो रही है उससे उन लोगों को शोक तो होना ही चाहिए जो ऐतिहासिक पुरुषों को जाति के खांचे में देखने के आदी नहीं रहे हैं। इतिहास के पन्नों पर अशोक की औपचारिक यात्रा दो सदी पुरानी है लेकिन इन दौ सौ सालों में किसी को पता नहीं कि 2250 साल पहले के अशोक दिखते कैसे हैं। उनके नयन नक्श क्या हैं। अशोक के बारे में खोज की इस लंबी यात्रा में उनके दिखने का कोई ऐतिहासिक प्रमाण हीं मिला है फिर भी ऐसा नहीं हैं कि वे हमें नहीं दिखते हैं।