पहले माना कि कोई दस्तावेज़ नहीं है, फिर कहा कि दस्तख़त नहीं है फिर दस्तखत आ गया तब कहा गया कि कौन कहता है कि दस्तवाजे सही है या नहीं, जब उसके सही होने की बात मज़बूत होती गई तो अब बीजेपी ने एक नया सही खोज लिया है। बीजेपी इस नतीजे पर पहुंची है कि हलफनामा भी है, सिग्नेचर भी है मगर वसुंधरा ने उसे कोर्ट में जमा नहीं किया और गवाही नहीं दी। [
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