प्राइम टाइम इंट्रो : पुरानी से कितनी अलग हैं सरकार की नई बीमा, पेंशन योजनाएं?
प्रकाशित: मई 13, 2015 09:03 PM IST | अवधि: 7:26
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कई बार लगता है कि जीवन के बाद इस धरती पर कुछ बचा रहेगा तो वो है बीमा। इसलिए जीवन बचे न बचे बीमा बचाइये। हमारे आस पास तेज़ी से बदलाव हो रहा है। भले ही व्यापक रूप से इसके समर्थन या विरोध की राजनीतिक सक्रियता नज़र न आती हो लेकिन बीमा राजनीतिक शब्दावली में अपनी जगह बनाने लगा है।