चुनाव से पहले अच्छे दिन आने वाले हैं कि एकमुश्त समझ यही थी कि मनमोहन सिंह की सरकार जाए और व्यवस्था बदले। इन पांच सालों में अच्छे दिन को लेकर जो भी व्याख्या होगी वो व्यक्तिगत से लेकर सामूहिक स्तर पर इतनी व्यापक होगी कि अभी से ही इसकी सफाई देते देते विभिन्न स्तरों पर संबंधों में भी कड़वाहट पैदा होने लगी है।