सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फ़ैसला दिया है. गर्भपात को लेकर एक ऐसा फ़ैसला दिया है जिसमें महिलाओं को नए अधिकार दिए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट के सामने सवाल ये था कि गर्भपात क़ानून यानी एमटीपी ऐक्ट की धारा 3(2)(b) के तहत 20 से 24 हफ़्ते के गर्भ को समाप्त करने के लिए सिर्फ़ विवाहित महिलाओं को ही क्यों शामिल किया जाए.