किसानों और सरकार के बीच 7वें दौर की वार्ता बेनतीजा रही है. सरकार कृषि कानूनों (Farm Laws) पर चर्चा और संशोधन को तैयार है, तो किसान नेताओं ने साफ कर दिया है कि कृषि कानूनों की वापसी की जगह कोई विकल्प मंजूर नहीं है.ऑल इंडिया किसान महासभा के महासचिव हन्नान मोल्ला का कहना है कि हम 40 नहीं 450 संगठन की नुमाइंदगी कर रहे हैं. वापसी के अलावा कोई चर्चा नहीं होगी. सरकार ने आज कृषि कानूनों की वापसी के मुद्दे पर दूसरे संगठनों से वार्ता की दलील दी, मना नहीं किया. बीजेपी के किसान नेता नरेश सिरोही का कहना है कि वार्ता खुले मन से होनी चाहिए. पहले से ही रुख तय कर लेने से बात नहीं बनेगी.
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