न्याय प्रक्रिया में जांच और सबूतों के साथ व्यवहार को लेकर व्यापक बहस हो सकती थी मगर जल्दबाज़ी में सब हेन-तेन हो गया. न्याय की हालत क्या है, उसके बारे में भी देखिए. हम पुलिस सिस्टम की सड़न पर ध्यान दे रहे हैं और न ही न्यायपालिका के भीतर की सड़न पर. जोगिंदर और चंदरावती इतने हताश हो चुके थे कि थाने के बाहर आग लगा ली. उनके गांव का सत्यपाल कई दिनों से मार पीट कर रहा था और पत्नी को छेड़ रहा था. एक महीने तक जोगिंदर पुलिस के पास दौड़ा लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया. सोचिए सारा सिस्टम किसके लिए है फिर. कोई यूं ही आग लगाने का फैसला नहीं कर लेता है. दोनों की हालत गंभीर है और दिल्ली में इलाज चल रहा है.