वित्त मंत्री का कहना है कि प्रधानमंत्री अन्य प्रधानमंत्रियों की तरह आसान रास्ता चुन सकते थे, मगर उन्होंने मुश्किल रास्ता चुना. इस संक्रमण काल में जो पीड़ा हुई है उसे लेकर अफसोस है लेकिन यह कदम साफ सुथरी अर्थव्यवस्था और बेहतर जीडीपी की तरफ ले जाएगा. इससे बैंकों को पास कर्ज देने के लिए अधिक फंड होंगे. आतंकवाद से लड़ने की बात की जगह अब कैशलेस, लेस कैश और बैंकों के पास फंड की बातों ने ले ली है. मगर बैंकों के पास फंड तो है लेकिन एक महीने बाद भी बैंकों के आगे कतारों में लगे लोग पूछ रहे हैं कि उनका फंड कहां हैं.