प्रधानमंत्री मोदी ने आज फिर छात्रों से अपील की है. उन्होंने ट्वीट किया है कि 'मेरा देश के कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के युवा साथियों से आग्रह है कि आप अपने महत्व को समझें. जहां आप पढ़ रहे हैं उन संस्थानों के महत्व को समझें. सरकार के फैसलों और नीतियों को लेकर चर्चा करें. डिबेट करें. आपको कुछ ग़लत लगता है तो लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करें. सरकार तक अपनी बात पहुचाएं. यह सरकार आपकी हर बात और भावना को सुनती समझती है. प्रधानमंत्री का यह दूसरा ट्वीट है. छात्रों को लेकर. सोमवार को भी उन्होंने एक ट्वीट किया था. प्रधानमंत्री मोदी को कुछ ट्विट अपने सांसदों के बारे में भी करना चाहिए. बीजेपी के राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा का ट्वीट उन्हें देखना चाहिए. एक तरफ प्रधानमंत्री छात्रों से कह रहे हैं कि वे अपने संस्थानों के महत्व को समझें लेकिन दूसरी तरफ उन्हीं की पार्टी के सांसद जामिया को आतंकवादियों का अड्डा बता रहे हैं. एक तरफ प्रधानमंत्री कहते हैं कि छात्र अपने संस्थानों के महत्व को समझें. दूसरी तरफ उनकी पार्टी के वरिष्ठ सांसद आर के सिन्हा जामिया को आतंकवादी का अड्डा बताते हैं. जामिया के छात्रों को कश्मीर का पत्थरबाज़ बनाते हैं. ऊपर के नेता कुछ कहते हैं और बाकी नेता वही कहते हैं जो व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की भाषा है. आर के सिन्हा के इस बयान के बाद क्या प्रधानमंत्री को छात्रों से अपील करने से पहले अपने सांसदों से अपील नहीं करना चाहिए कि वे यूनिवर्सिटी का मतलब समझ लें.